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महानगर-2 / श्याम सुशील

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थोड़ी सी मिट्टी
थोड़ी सी हवा
थोड़ी सी आग
और थोड़ा सा पानी
थोड़ा आकाश लिए
आया था यहां मैं

आज सोचता हूं
अच्छा हुआ खाली हाथ
नहीं आया,
वरना भूल चुका होता
बहुत कुछ।