महापंत ने कहा –
प्रजाजन ‘डिजिटल’ हो जाओ
रुपया-पैसा मिथ्या हैं
उनसे मत ज़ेब भरो
‘क्रेडिट कार्ड’ का मंतर साधो
उसको हृदय धरो
कैश-बैश का
चक्कर त्यागो
‘बिनु गथ’ सुख पाओ
अच्छे दिन आने वाले हैं
चिंताएं छोडो
रुपये-रुपये का हिसाब
मत ऊँगली पर जोड़ो
नहीं मिली रोटी
तो क्या है
‘केक-पाव’ खाओ
‘मोबाइल’ पर सारी दुनिया
मुट्ठी में होगी
सबको रास आयेगा वह
हो भोगी या जोगी
पुरखों वाले
गये वक्त की
मत महिमा गाओ