भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

महाराणा प्रताप री प्रशंसा में / कन्हैया लाल सेठिया

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

1.
अकबरियो दिवलै जिस्‍यो, बण्‍या पतिंगा राजवी
लौ कांपी बाजी जणा, पून राण प्रतापसी

2.
लीन्‍या सै नै चूंख, भंवरो बण अकबर जवन
पण चंपक रो रूंख, रहियो राण प्रतापसी

3.
अकबर नदी अथाह, मझ डूब्‍या रजपूत सै
जद दी आडी पाह, परबत बण प्रतापसी