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माँ, मुझे बना दे / यून्ना मोरित्स
Kavita Kosh से
उड़ रही है फाख़्ता, एक सफ़ेद फाख़्ता ।
उसका पीछा कर रहा है क्रुद्ध बाज़ ।
माँ बचा मुझे, ऐसा करिश्मा कर दिखा
आसमान में बना दे मुझे बारिश की एक बूँद ।
बहुत लम्बा जा रहा यह युद्ध, भयानक लम्बा !
छाती में लगी गोली के साथ कठिन हो रहा है भागना !
कभी न हो पाऊँगी बड़ी मैं उस ज़िन्दगी में
यदि इसी वक़्त न हो सकूँ -- आज़ाद बहती हवा ।
हमारे लोग आएँगे जलाएँगे तारे
मुझे याद करेंगे, हमारे गीत गाएँगे
माँ, बचा मुझे, ऐसा करिश्मा कर दिखा --
एक टहनी बना दे मुझे उजले जंगल में !
अलविदा, माँ, बाएँ पंख में गहरी चोट आई है !
कल सूर्य जल्दी निकल आएगा इस जंगल में…
हमारे लोग आएँगे, वे तारे जलाएँगे --
मुझे याद करेंगे, हमारे गीत गाएँगे ।