भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

माँ - 2 / समझदार किसिम के लोग / लालित्य ललित

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

 
जरूरत
हर चीज की माँ होती है
माँ
माँ होती है
माँ चाहे मेरी या आप की
गांव की हो या शहर की
माँ का मन माँ ही जानती है
फिर माँ से क्यों कतराती है
बेटियां
पागल बनाती है बेटियां
बेटी क्यों नहीं बन जाती माँ की
दोस्त, सहयोगी
क्यों नहीं बताती उसको
कि
किससे वो परेशान हुई
इत्यादि आदि
अगर बता दें वह
तो बिटिया का सफर
आसान हो जाए
और हर मुश्किल भी
माँ को हमराज बनाएं