Last modified on 12 फ़रवरी 2021, at 23:47

माथ मे घुरियाइ य कविता / दीप नारायण

कय दिन सँ
बहुत मोन करै य
फोन लगा क' करी अहाँ सँ
भरि मोन बात

कय दिन सँ
माथ मे घुरियाइ य कविता

अहाँक प्रेम पर
हमर कविता
भारी पड़ि रहल अछि आब।