कय दिन सँ
बहुत मोन करै य
फोन लगा क' करी अहाँ सँ
भरि मोन बात
कय दिन सँ
माथ मे घुरियाइ य कविता
अहाँक प्रेम पर
हमर कविता
भारी पड़ि रहल अछि आब।
कय दिन सँ
बहुत मोन करै य
फोन लगा क' करी अहाँ सँ
भरि मोन बात
कय दिन सँ
माथ मे घुरियाइ य कविता
अहाँक प्रेम पर
हमर कविता
भारी पड़ि रहल अछि आब।