भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मानचित्र / कुलदीप सिंह भाटी
Kavita Kosh से
मानचित्र
सरहदों और सीमाओं
की जानकारी के लिए बनाए
सिर्फ़ नक्शे भर नहीं हैं
बल्कि ये हैं
इस बिलखती धरती की काया पर
कुछ लोगों द्वारा किए गए
बलात् विभाजन के कुकृत्यों की खरोंचे,
जिनसे रिसता है लहू
आज भी इंसानियत का।
इन्हीं खरोंचों को दिखा
यह धरती
आज भी माँगती है न्याय
अपने साथ हुई
इस ज्यादती के लिए।