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मानता / मदन गोपाल लढ़ा
Kavita Kosh से
म्हैं मांग्यो
सांवरै सूं
फगत अर फगत
थनै
थारै ओळावै
सांवरै
म्हनैं सूंप दी
आखी दुनियां
सांचाणी
अबै म्हनैं आ दुनियां
थारै दांई
चोखी लागै।