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मानोगे इक बात कहो तो बोलूँ मैं / दीपक शर्मा 'दीप'

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मानोगे इक बात कहो तो बोलूँ मैं
होने को है रात कहो तो बोलूँ मैं?

पांच बजे ही मेरी बारी थी,थी ना?
हुए हैं पौने सात कहो तो बोलूँ मैं

बूँद-बूँद में ख़ून उतर आया देखो!
कैसी है बरसात कहो तो बोलूँ मैं?

गोया ऐसा खेल नहीं है दुनिया में
शह में बैठी मात कहो तो बोलूँ मैं

इंसां हो तो इंसां रहना सीखो,और
गन्दी-गन्दी बात कहो तो बोलूँ मैं?

काले करतब काले धंधे वाले लोग
पूछ रहे हैं जात कहो तो बोलूँ मैं

केवल आँतें टूट रही हैं बाकी 'दीप'
अच्छे हैं हालात कहो तो बोलूँ मैं?