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मार्कण्डेय / अंकावली / सुरेन्द्र झा ‘सुमन’

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युग-युग धरि जीबथि कृति बल जे यश-अवदाते
सप्त चिरंजीवी कर्मठतेँ पठित प्रभाते
हुनि संगहिँ मुनि मार्कण्डेयक नाम आठमे
शिवक कृपा वल यमदल निदरि चिरायु पाठमे
दुर्गा सप्तशतीक जे ऋषि, मन्त्रक द्रष्टा थिका
पौराणिक व्यक्तित्व संग युगजीवी संस्था थिका