भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मालागुए-या / फ़ेदेरिको गार्सिया लोर्का
Kavita Kosh से
मौत
शराबख़ाने में
आती-जाती है
काले घोड़े
और फ़रेबी लोग
गिटार के गहरे रास्तों
के बराबर चलते हैं
और समन्दर के किनारे
बुखार में डूबी गँठीली झाड़ियों से
नमक की और औरत के ख़ून की
बू आती है
मौत
आती और जाती है
आती और जाती है
मौत
शराबख़ाने की !
मालागुए-या= एक विशेष प्रकार के स्पानी नृत्य और गीत का नाम
अंग्रेज़ी से अनुवाद : विष्णु खरे