मालिन बिकानेर की / हरिवंशराय बच्चन
(बीकानेरी मजदूरिनियों से सुनी लोकधुन पर आधारित)
फूलमाला ले लो,
लाई है मालिन बीकानेर की.
मालिन बीकानेर की.
बाहर-बाहर बालू-बालू,
भीतर-भीतर बाग है,
बाग-बाग में हर-हर बिरवे
धन्य हमारा भाग है;
फूल-फूल पर भौंरा,डाली-डाली कोयल टेरती.
फूलमाला ले लो,
लाई है मालिन बीकानेर की.
मालिन बीकानेर की.
धवलपुरी का पक्का धागा,
सूजी जैसलमेर की,
झीनी-बीनी रंग-बिरंगी,
डलिया है अजमेर की;
कलियाँ डूंगरपुर,बूंदी की,अलवर की,अम्बेर की.
फूलमाला ले लो,
लाई है मालिन बीकानेर की.
मालिन बीकानेर की.
ओढ़नी आधा अंबर ढक ले
ऐसी है चित्तौर की,
चोटी है नागौर नगर की,
चोली रणथम्भौर की;
घंघरी आधी धरती ढंकती है मेवाड़ी घेर की.
फूलमाला ले लो,
लाई है मालिन बीकानेर की.
मालिन बीकानेर की.
ऐसी लम्बी माल कि प्रीतम-
प्यारी पहनें साथ में,
ऐसी छोटी माल कि कंगन
बांधे दोनों हाथ में,
पल भर में कलियाँ कुम्हलाती द्वार खड़ी है देर की.
फूलमाला ले लो,
लाई है मालिन बीकानेर की.
मालिन बीकानेर की.
एक टका धागे की कीमत,
पांच टके हैं फूल की,
तुमने मेरी कीमत पूछी?--
भोले, तुमने भूल की.
लाख टके की बोली मेरी!--दुनिया है अंधेर की!
फूलमाला ले लो,
लाई है मालिन बीकानेर की.
मालिन बीकानेर की.