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माली काका / अनुभूति गुप्ता
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माली काका-माली काका,
सुमनो पर पड़ता है डाका।
कितने सारे फूल बाग में,
कमल खिले कितने तड़ाग में ?
माली काका-माली काका,
गुलशन की जो राजकुमारी
तितली लगती कितनी प्यारी,
माली काका-माली काका,
पेड़ों पर फल लटक रहे हैं,
पक्के हैं जो टपक रहे हैं।