- अंगिका लोकगीत
 - अवधी लोकगीत
 - कन्नौजी लोकगीत
 - कश्मीरी लोकगीत
 - कोरकू लोकगीत
 - कुमाँऊनी लोकगीत
 - खड़ी बोली लोकगीत
 - गढ़वाली लोकगीत
 - गुजराती लोकगीत
 - गोंड लोकगीत
 - छत्तीसगढ़ी लोकगीत
 - निमाड़ी लोकगीत
 - पंजाबी लोकगीत
 - पँवारी लोकगीत
 - बघेली लोकगीत
 - बाँगरू लोकगीत
 - बांग्ला लोकगीत
 - बुन्देली लोकगीत
 - बैगा लोकगीत
 - ब्रजभाषा लोकगीत
 - भदावरी लोकगीत
 - भील लोकगीत
 - भोजपुरी लोकगीत
 - मगही लोकगीत
 - मराठी लोकगीत
 - माड़िया लोकगीत
 - मालवी लोकगीत
 - मैथिली लोकगीत
 - राजस्थानी लोकगीत
 - संथाली लोकगीत
 - संस्कृत लोकगीत
 - हरियाणवी लोकगीत
 - हिन्दी लोकगीत
 - हिमाचली लोकगीत
 
मावां ते  धियां  रल  बैठियाँ  नी  माये ,
कोई  कर  दियाँ  कोल  कलाप 
नि कनका  लमियाँ  धियां  क्यूँ  जामियाँ  नी माये ,
मावां  ते  धियां  दी  दोस्ती  नी माये ,
कोई  टूट दी ए  कैहरां  दे  नाल ,
नि कनका  लमियाँ  धियां  क्यूँ  जामियाँ  नी माये ,
कनका  निसृयाँ धियां  विसृयाँ  
दूरों  ते आये  सां  चल  के  नी माये ,
तेरे  दर  विच रहीयां खलो ,
वीरन  न  पूछिया  सुख  सूनेहा माये ,
भाभियाँ  ने  दिता  न  प्यार ,
नि कनका  लमियाँ  धियां  क्यूँ  जामियाँ  नी माये ,
कनका  निसृयाँ धियां  विसृयाँ  
डोली  नू  आयीं  अर्का नी माये ,
मेरे  सालू  नू आया  नी लंगार ,
आगे  तां  मिलदी  सी  नित नी  माये ,
हूँ  दित्ता  इ कानू  बिसार ..
नि कनका  लमियाँ  धियां  क्यूँ  जामियाँ  नी माये ,
कनका   निसृयाँ  धियां क्यूँ  बिसृयाँ  माये ....
कोठे  ते  चढ़  के  वेखदी  नी  माये ,
कोई वेखदीयां वीरे  दा  राह ,
दूरों  तां वेखन  मेरा  वीर  पया  आये ,
मेरे आया इ  साह  विच साह ,
नि कनका  लमियाँ  धियां  क्यूँ  जामियाँ  नी माये ,
कनका   निसृयाँ  धियां क्यूँ  बिसृयाँ  माये ....
जींद  निमानी  पाये  होक्के  भरदी ,
तेरे  बिना  मेरा  कोई  न  दर्दी...
कनका  लमियाँ नी धियां  क्यूँ  जामियाँ  नी माये ,
कनका   निसृयाँ  धियां क्यूँ  बिसृयाँ  माये ....
 
बूए  ते  बहिंदी  आँ  सामणे  नी  माये  ,
नी  मैं लवां भरावां  दा  नाम   ,
कनका  लमियाँ नी धियां  क्यूँ  जामियाँ  नी माये ,
 कनका   निसृयाँ  धियां क्यूँ  बिसृयाँ  माये ....
 
किसे गवान्डन  ने  दसया  नी माये,
के तेरा  आया ए  पियु ते भराह  ,
मन  विच आया  कि  छेड़दियाँ  नी  माये ,
मेरे हाँ  नू  लगिय  इ  च ,
कनका  लमियाँ नी धियां  क्यूँ  जामियाँ  नी माये ,
कनका   निसृयाँ  धियां क्यूँ  बिसृयाँ  माये ....
 
भाभियाँ  वांग  सहेलियां  नी  माये ,
मेरे  वीरान  दी  तनदी  चानण ,
भाभियाँ मारण  जन्द्रे  नी  माये ,
मेरा हुन कोई  दावा  वी  न,
कनका  लमियाँ नी धियां  क्यूँ  जामियाँ  नी माये ,
कनका   निसृयाँ  धियां क्यूँ  बिसृयाँ  माये ....
मिटटी  दा  बुत  में  बनऔनी  माये ,
उसदे  गल  लग  के  रोनीयाँ  
मिट्टी  दा बुत न बोल्दा  नी  माये 
ओहदे  गल लगन दा हाल  कहाँ ,
कनका  लमियाँ नी धियां  क्यूँ  जामियाँ  नी माये ,
कनका निसृयाँ  धियां क्यूँ  बिसृयाँ  माये ....