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मिलन / हरकीरत हकीर

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नज़्म रात
इश्क़ के कलीरे बाँध
धीमें - धीमें
सीढ़ियाँ उतर
तारों के घर की ओर
चल पड़ी …
खौफज़दा रात
कोयलों पर पानी
डालती रही ….