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मुक्तक / नज़ीर बनारसी
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मैं बनारस का निवासी काशी नगरी की फ़क़ीर
हिन्द का शायर हॅँ शिव की राजधानी का सफ़ीर
लेके अपनी गोद में गंगा ने पाला है मुझे
नाम है मेरा नज़ीर और मेरी नगरी बेनज़ीर
शब्दार्थ
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