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मुझको सीने में पालकर रखिए / अनिरुद्ध सिन्हा
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मुझको सीने में पालकर रखिए
नाम मेरा संभालकर रखिए
अपना चेहरा ही काम आता है
ख़ुद को शीशे में ढालकर रखिए
कौन दुनिया में किसका होता है
यूँ न दिल को निकालकर रखिए
रास्तों का कोई भरोसा नहीं
हर क़दम देखभालकर रखिए
फैसले आएंगे हथेली पर
एक सिक्का उछालकर रखिए