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मुझे दिल की ख़ता पर 'यास' शर्माना नहीं आता / यगाना चंगेज़ी
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मुझे दिल की ख़ता पर 'यास' शर्माना नहीं आता
पराया जुर्म अपने नाम लिखवाना नहीं आता
बुरा हो पा-ए-सरकश का कि थक जाना नहीं आता
कभी गुमराह हो कर राह पर आना नहीं आता
[पा-ए-सरकश= बात न सुनने वाला पैर]
मुझे ऐ नाख़ुदा आख़िर किसी को मूँह दिखाना है
बहाना कर के तन्हा पार उतर जाना नहीं आता
मुसीबत का पहाड़ आख़िर किसी दिन कट ही जायेगा
मुझे सर मार कर तेशे से मर जाना नहीं आता
[तेशे=कुलहाड़ी]
असीरो शौक़-ए-आज़ादी मुझे भी गुदगुदाता है
मगर चादर से बाहर पाँव फैलाना नहीं आता
[असीरो=बंधक,कैदी]
दिल-ए-बेहौसला है इक ज़रा सी टीस का मेहमाँ
वो आँसू क्या पिऐगा जिस को ग़म खाना नहीं आता