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मुझे पंख दोगे? / ऋषभ देव शर्मा
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मैंने किताबें मांगी
मुझे चूल्हा मिला,
मैंने दोस्त मांगा
मुझे दूल्हा मिला
मैंने सपने मांगे
मुझे प्रतिबंध मिले,
मैंने संबंध मांगे
मुझे अनुबंध मिले।
कल मैंने धरती मांगी थी
मुझे समाधि मिली थी,
आज मैं आकाश मांगती हूँ
मुझे पंख दोगे?