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मुझे बीते दिनों की याद नहीं / नाज़िम हिक़मत

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मुझे बीते दिनों की याद नहीं आती

-सिवा गर्मी की वो रात.

और आख़िरी कौंध भी मेरी आंखों की

तुम को बतलाएगी

आने वाले दिनों की बात