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मुन्ना! सो जा / विनोदचंद्र पांडेय 'विनोद'

सो जा, सो जा, मुन्ना सो जा।
आई पास रात की रानी
तुम्हें सुनाने मधुर कहानी,
परियां उतर रहीं धरती पर
सपनों की दुनिया में खो जा।
सो जा, सो जा, मुन्ना सो जा।
हंसते नभ में चंदा मामा
पहने चमचम जोड़ा जामा,
थपकी देते टिमटिम तारे
गला फाड़ मत रो, चुप हो जा।
सो जा, सो जा, मुन्ना सो जा।
सोए फूल मूंदकर आंखें
तितली नहीं खोलती पांखें,
चिड़ियों ने ले लिया बसेरा
तू भी भार नींद का ढो जा।
सो जा, सो जा, मुन्ना सो जा।