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मुन्ना रे तोंय पढ़ै लेॅ जो / रामधारी सिंह 'काव्यतीर्थ'
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मुन्ना रे तोंय पढ़ै लेॅ जो
गैय्या बकरिया चरैने जो
भंुजा रोटी खैने जो। मुन्ना रे....
खेल कूद कम्मे कर
दोस्तो-मित्तर कम्मे कर
जे मिलौ खैनंे जो। मुन्ना रे तोंय...
किरासन तेल तेॅ महँगे छौ
बिजली-बत्ती नहियें छौ
ढिबरी में तोंय पढ़ने जो। मुन्ना रे...
संतुलित भोजन नहियें छौ
बच्चा बुतरू खेलैन्हें छौ
कुच्छु कामोॅ करने जो। मुन्ना रे तोंय...
पढ़ि लेवै तेॅ आरक्षणोॅ मिलतौ
छोटोॅ-मोटोॅ नौकरियो मिलतौ
एकरा पर ध्यान देने जो। मुन्ना रे...
तबे तोहें बीहा करिहें
सुन्नर, सुशीला बहु पैहियें
सुखी परिवार बनैने जा। मुन्ना रे...
बेटहौ के तोंय खूब पढ़ैहें
बेटिहौ के तोंय खूब पढ़ैहें
बेटिहौ के तोंय नहियें छोड़िहैं
शिक्षा प्रचार करैने जो। मुन्ना रे...