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मुर्गा फार्म से (1) / सत्यनारायण सोनी
Kavita Kosh से
चुग्गा चुगते चूजे
प्रसन्न हैं
भरपेट भोजन
कहां मिलेगा अन्यत्र!
प्रसन्न है
फार्म का कामगार हंसा,
चलो, इस बहाने
रोटी का जुगाड़ तो बना।
फार्म का मालिक भी
बेहद खुश है
चूजों की
बढ़ती फसल देखकर।
फळा रहा
मुनाफे का हिसाब
पौरों पर।
पेट भरने की
यह जुगत
खुशियां बांट रही
बेहद-बेहद,
तो भला
एतराज किसे!
2004