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मुलाक़ात / हैरॉल्ड पिंटर
Kavita Kosh से
यह रात का मृत समय है
बहुत पुराने मृत देखते हैं उस तरफ़
जहाँ से आ रहे हैं
नये मृत उनकी तरफ़
धड़कन की हल्की आवाज़ होती है
जब मृत गले मिलते हैं
उनसे जो बहुत समय से मृत हैं
और उन नये मृतों से
जो आ रहे हैं उनकी तरफ़
वे रोते हैं और चूमते हैं
जब वे मिलते हैं फिर से
पहली और आख़िरी बार
मूल अंग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल एकलव्य