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मुलाकात / सौमित्र सक्सेना
Kavita Kosh से
मैने धीरे से
उसकी चोंच को टटोला
उसने झट से
मेरा हाथ काट लिया
मैने आहिस्ता से
उसके पैरों को सहलाया
वो तेज़ी से
फड़फडाकर उड़ गई
फिर मैं
देर तक
अपने पंजे
मुँडेर पर घिसता रहा ।