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मृतक के लिए / एड्रिएन सिसिल रिच
Kavita Kosh से
मैंने सपना देखा था —
मैंने तुम्हें फ़ोन किया था
यह कहने के लिए
कि तुम अपना ख़याल रखना
लेकिन तुम बीमार थे
और तुमने फ़ोन नहीं उठाया ।
अब जो कुछ भी बाक़ी है
तुम्हारे प्रति मेरा प्रेम
वो तुम्हें तुमसे बचाने में खर्च हो जाता है ।
मुझे आश्चर्य होता है
बची हुई ऊर्जा पर
उस रास्ते पर
जिस पर पहाड़ी से नीचे फिसलता है पानी
बारिश रुकने के बहुत देर बाद भी ।
या उस आग पर
जिसे तुम चाहते हो कि
तुम्हारे बिस्तर तक जाए
पर तुम्हें छोड़े नहीं
तुम झुलसते हो उस आग में
पर जलते नहीं ।
लाल कोयले
भभकते हैं, तेज़ी से जलते हैं
आग से चमकते हैं और मर जाते हैं
तब तुम चाहते हो कि वे रहें
आधी रात के बाद भी देर तक बैठे हुए ।
मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय