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मृत्यु एक सन्देश है / अर्चना लार्क
Kavita Kosh से
ये दुनिया नहीं रहेगी फिर भी
बचे रहेंगे पुष्प
प्रेमी के कानों में गूँजने की अभिलाषा लिए
बच्चे की किलकारी की आस लिए
वर्षा की ओट में आँख-मिचौली करते ओस के लिए
रिश्ते फरिश्ते सब छूट जाते हैं
लेकिन दूर देश से एक चिड़िया फड़फड़ाती है फुर्र
पृथ्वी सांस भरती है
एक आशा बची रहती है
मृत्यु अन्त नहीं
सुगन्धित फूल है
जो चारों ओर बिखरता
जीवन की चिट्ठी लिए भ्रमणशील है
मृत्यु एक सन्देश है !