भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मेंढक मामा / प्रभुदयाल श्रीवास्तव
Kavita Kosh से
क्यों न सच्ची बात बताते|
मेंढक मामा क्यों टर्राते|
डबरों में पानी कम है तो,
बादल को क्यों नहीं बुलाते?
यदि नहीं बरसा पानी तो
नगर पालिका क्यों न जाते
एक टेंकर पानी भरकर,
क्यों अपने घर नहीं ले आते?