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मेरा-तुम्हारा / दुष्यन्त
Kavita Kosh से
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तुम्हारे दुख में शामिल मेरा दुख
तुम्हारे सुख में शामिल मेरा सुख
जैसे मेरे सुख में शामिल तुम्हारा सुख
मेरे दुख में शामिल तुम्हारा दुख
यह धरती
यह आकाश
पानी
वन
जानवर
हवा
जितने तुम्हारे
उतने ही मेरे
सांझे सपने जैसा
जो आता है आंखों में
कभी तुम्हारी
कभी मेरी।
मूल राजस्थानी से अनुवाद- मदन गोपाल लढ़ा