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मेरा अस्तित्व / गुण्टूरु शेषेन्द्र शर्मा / टी० महादेव राव
Kavita Kosh से
चन्द्रमा अगर है
हाथों में तुम्हारे
तो महीने कहाँ जाएँगे?
मेरी किताब
तेरे हाथों में है तो
मैं और मेरा अस्तित्व भी
तो है
हाथों में तेरे।
मूल तेलुगु से अनुवाद : टी० महादेव राव