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मेरा आँगन / हरीशचन्द्र पाण्डे
Kavita Kosh से
बच्चे
दिन भर
ऊधम मचाते हैं
बच्चों ने
आँगन को
क्रिकेट का मैदान बना दिया है
माँ ने
कुछ फूलों के पौधे
रोप दिये हैं
आँगन की दाहिनी ओर
माँ ने
आँगन को
उपवन बना दिया है
भाई ने
बायीं ओर जगह देख
कुछ बीज बो दिये हैं
लौकी के
सेम के
कद्दू के
भाई ने
आँगन को
खेत बना दिया है
मेरे घर का हर सदस्य
आँगन को
अपने तरीके़ का बनाना चाहता है
मेरा आँगन आँगन नहीं
हिन्दुस्तान हो गया है।