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मेरा गाँव मेरा देश नहीं है / कर्मानंद आर्य

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मेरा गाँव
दुनिया का सबसे सुंदर गाँव
मेरे गाँव वाले जमींदार के खेत में
मेरे हिस्से का खेत है
मेरे गाँव के फूलों में
मेरे हिस्से का कीचड़ है
मुरझाई कलियों में है मासूम बचपन
दादी की आवाज में तोतली बोली है
गोबर में है पेट का अनाज
स्कूल में घुटनों तक कीचड़ है
उस ब्राह्मण की डांट है जो लगभग मास्टर है
उस अहीर का शातिर हमला है
जो नवधनाड्य हुआ है पिछले साल
माई की मीठी मुस्कान है
दाई की नार काटने वाली मशीन
भौजाई है जिल्ला टॉप
भाई का तीर और बरछा है
विरासत वाला घाव है
मेरे गाँव में क्या नहीं है
मेरे गाँव में मेरे नाना का घर नहीं है
पानी है जिसमें आत्मविश्वास झलकता है
तैरती हैं नावें, मोटरबोट कराती है यात्रा
मेरे गाँव में दुःख है, संवेदना है, विकास है
विकास के पापा नहीं हैं
अगरचंद मेरा दोस्त नहीं है
कई नरेंद्र मोदी हैं
मेरा गाँव एक अजीब खुजली है
वहां के लोग खुश हैं
वहां के लोग हाजिर जबाब हैं
मेरा गाँव बदल रहा है
मेरे गाँव को प्लेग हो गया है
मेरा गाँव सबसे सुन्दर गाँव है
मेरे गाँव में बड़ी मछली
छोटी मछली को लीलती जाती है
सब कुछ है
मेरा गाँव मेरा देश नहीं है