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मेरा डर / दुःख पतंग / रंजना जायसवाल
Kavita Kosh से
खिलौनों से खेलता बहुत कम है
मेरा बेटा
तोड़-फोड़ ज्यादा करता है
तोड़ता है पहले फिर
जोड़ता है कुछ को कुछ से
औरत के धड़ पर आदमी का सिर
रख देता है कभी
कभी
आदमी को बना देता है जानवर
अपने इस खेल में
पुरूष के धड़ पर लकड़बग्घे का सिर रखकर
और खूब हँसता है मेरा बेटा
देखकर
ईश्वर के सिर पर कम्प्यूटर
और मैं
डर जाती हूँ।