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मेरी खाल से बने दस्ताने / अग्निशेखर
Kavita Kosh से
दस्तानों में छिपे हैं
हत्यारों के हाथ
एक दिवंगत आदमी कह रहा है
हर किसी के सामने जाकर,
ये दस्ताने
मेरी खाल से बने हुए हैं
ख़ुश हैं हत्यारे
कि सभ्य लोग नहीं करते हैं
आत्माओं पर विश्वास