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मेरी गुड़िया / लक्ष्मी खन्ना सुमन
Kavita Kosh से
सुंदर कितनी मेरी गुड़िया
दुबली-पतली मेरी गुड़िया
खाना थोड़ा इसे खिलाऊँ
फिर इसके मुँह-हाथ धुलाऊँ
इसको अपने साथ सुलाती
जब मैं जागूँ, इसे जगाती
कैसी ड्रैस इसे पहनाऊँ
कैसे इसके बाल बनाऊँ
आइसक्रीम नहीं ये खाती
लेकिन टॉफी इसे सुहाती
चॉकलेट क्यों इतनी खाई
अभी करो तुम दाँत-सफाई
कहे, कहानी नई सुनाओ
कविता चाहे वही सिखाओ
हँसती-रोती मेरी गुड़िया
बड़ी न होती मेरी गुड़िया