हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
मेरी नई नई जवानी बिगाड़ी रसिया मैं तो दावा करूंगी अदालत में
बाजरे की रोटियां चने का साग तुझे जेलों का पानी पिला दूं रसिया
मैं तो दावा करूंगी अदालत में
तेरा नई दिल्ली का मुकदमा आगरे पहुंचा दूं तुझे सिमले की जेल करा दूं रसिया
मैं तो दावा करूंगी अदालत में
ससुर को पेस करूं जेठे को पेस करूं छोटे देवर की दे दूं गवाही रसिया
मैं तो दावा करूंगी अदालत में
मेरी नई नई जवानी बिगाड़ी रसिया, मैं तो दावा करूंगी अदालत में