भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मेरी बिटिया सो जा / ब्रजकिशोर नारायण

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मेरी बिटिया सो जा, सो जा।
कुत्ता तबला बजा रहा है,
नाच रही है बिल्ली,
कुत्ता जाएगा कलकत्ता,
बिल्ली जाए दिल्ली।
घोड़ा बाबू ढोल बजाएं,
बछड़ा जी सारंगी,
बंदर बाबू काम न करते,
खाते हैं नारंगी।
मेरी बिटिया सो जा, सो जा।