लिख रहा हूँ
जल के अक्षरों से :
‘मेरी लड़कियाँ’
हर घर में
आज भी
भिखमंगों के हाथों पड़ी हुई हैं ।
मूल बांग्ला से अनुवाद : रोहित प्रसाद पथिक
लिख रहा हूँ
जल के अक्षरों से :
‘मेरी लड़कियाँ’
हर घर में
आज भी
भिखमंगों के हाथों पड़ी हुई हैं ।
मूल बांग्ला से अनुवाद : रोहित प्रसाद पथिक