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मेरे जीने का भी कोई फलसफा लिख जाइये / मनोज अहसास

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मेरे जीने का भी कोई फलसफा लिख जाइये
आप मेरी चाहतों को हादसा लिख जाइये

आपका जाना ज़रूरी है मुझे मालूम है
हो सके तो मेरी खातिर रास्ता लिख जाइये

नींद मेरी धड़कनों के शोर से बेचैन है
मेरे जीवन मे विरह का रतजगा लिख जाइये

आप अपना नाम लिख लीजै मसीहाओं के बीच
बस हमारे नाम के आगे वफ़ा लिख जाइये

गर जुदा होकर ही खुश हैं आप तो अच्छा ही है
पर हमारी चाहतों को ही खरा लिख जाइये

जुड़ गया जिनसे मुकद्दर अब तेरे 'अहसास' का
उन सभी के वास्ते कोई दुआ लिख जाइये