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मेरे पड़ी गले म्हं फंदी भम की सौं / करतार सिंह कैत

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पत्नी: मेरै पड़ी गले म्हं फंदी भीम की सौं
पिया करवा ले नसबंदी भीम की सौं
पति: तेरी बात लगै सै गंदी भीम की सौं
ना करवाऊँ नसबंदी भीम की सौं...टेक
पत्नी: घणा कुटुम और महादुखी सारी या दुनिया कहरी सै
किस-किस के मैं लाड़ करूं मेरी जान फंद मैं फहरी सै
जाप्यां नै दई बोद बणा ना कसर गात मैं रहरी सै
पति: मिलता किलो घी चार सौ का तेरे जाप्यां नै मार लिया
खोपा खांड जमैण तेरी मैं ल्याता-ल्याता हार लिया
दबकै प्याऊं दूध तनै मनै अपना-आपा मार लिया
बना हलवा उठै सुगंधी भीम की सौं
ना करवाऊँ नसबंदी...

पत्नी: एक कमाऊ कुणबा भारी कोन्या घलै गुजारा ओ
तीन साल मैं दो जामू सूं बालकां का पड्या लारा ओ
मेरी गिणती मैं भी आवैं कोन्या दिख सतरां ठारां ओ
पति: सत्यानाशन डूब गई कुणबे कै नजर लगावै सै
मेरे नन्हे-मुन्ने बालकां पै पापण ध्यान डिगावै सै
मनै कर लिये बोदे हाड़ कमा तू ठाली टिकड़ खावै सै
किसी लाण लगी पाबंदी राम की सौं
ना करवाऊँ नसबंदी...

पत्नी: मेरे कहे की मान लिए ना पाछै तै पछतावैगा
दो छोरी और दस छोरे इतने क्यूकर ब्याह्वैगा
मंहगाई नै कमर तोड़ दी क्यूकर काम चलावैगा
पति: छह छोर्यां नै पढ़ण बिठ्याऊं सुण मेरा विचार गौरी
दो मास्टर, दो पटवारी, दो लागैंगे थाणेदार गौरी
दो अणपढ़ पलटन म्हं भेजूं दो रह ज्यां जमींदार गौरी
म्हारी खूब बणैगी चाँदी राम की सौं
ना करवाऊँ नसबंदी...

पत्नी: छह बालक पढ़ाणे पिया काम कोये आसान कोन्या
मन के लाड्डू फोड़ै सै तनै किसे बात का ज्ञान कोन्या
पढ़े लिखे बेकार फिरै सैं के तनै पाट्टी जाण कोन्या
पति: तेरी बातां मैं आऊ कोन्या चाली जाइये ऊत रांड
माणसां की माया हो सै क्यूं मेरे ऊपर छुट री सांड
सारे गाम म्हं सबसे ज्यादा मेरे परमट मैं मिलती खांड
मिले महंगे भा मैं भी मंदी राम की सौं
ना करवाऊँ नसबंदी...

पत्नी: घणे बच्यां पै पाबंदी ला दी भारत सरकार नै
ज्यादा अनाज घरां राखण का आडर ना जमींदार नै
परिवार नियोजन वाले कहैं छोटा राखो परिवार ने
पति: होग्या सुण ले ज्ञान परी करतार सिंह के गाणे तै
तेरा भी पैंडा छुटैगा जाप्यां के म्हां रहणे तै
ओपरेशन करवा द्यांगे गुरु भवन सिंह के कहणे तै
जै हो तेरी रजामंदी राम की सौं
चल करवावैं नसबन्दी...