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मेरे पास / हेन्द्री स्पेशा
Kavita Kosh से
मेरे पास बस एक भाषा है
चुप्पी
मेरे पास बस एक पूंजी है
ग़रीबी
मेरे पास एक पूरी दुनिया है
अनुवाद : विष्णु खरे