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मेरे बाग के फूल / मधुछन्दा चक्रवर्ती
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मेरे बाग के फूल
डाली से टूट भी जाए तो
मुरझाते नहीं हैं।
पंखुड़ी-पंखुड़ी अलग हो जाए
तो भी खुखबू ही बिखेरते हैं।