मेरे मुहल्ले की स्त्रियां / निशान्त
कई दिनों बाद
निकला था
अपने ही मुहल्ले में
किसी काम से
नगर पालिका ने
कर दी थी सड़कें ऊंची
इसलिए काफी घर
रह गए थे नीचे
जैसे हों गङ्ढे
वर्षा भी थी काफी
इस साल तो
सोचता हूं-
कैसे उलीचा होगा
इन्होंने घरों से पानी
छोटे-छोटे काम-धंधे
या मजदूरी पेशा वाले
लोगों का मुहल्ला है यह
इसलिए शाम के समय
घरों में
अधिकतर नजर आते थे
बूढ़े या बच्चे
यहां पांच-सात
किराने की दुकानें हैं
दो-चार
घास-फूस और लकड़ी की टालें
दो-चार कुम्हारों के घरों में
सुलग रहे हैं आवे
दो-चार घर पाले हुए हैं
दूध बेचने के लिए गाएं
लब्बोलुआब यह कि
शरणस्थली है यह बस्ती उनकी
जो ठुकराए हुए हैं
लौटते हुए घर को
रास्ते में मिली है मुझे
पसीने से नहाई
लकड़ी और घास बीनकर आई
औरतें
जिन्हें देखकर
सोचता हूं मैं
गंगा स्नान से लौटी स्त्रियों से
किस माने में कम है
ये मेरे मुहल्ले की स्त्रियां