भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मेरे शब्द - मेरा अस्तित्त्व / रोज़ा आउसलेण्डर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मेरे शब्द – मेरा अस्तित्व
‘हाँ’ कहते हैं
जीवन के लिए

जो तुम्हारे
और तुम्हारे शब्दों से
खेलता है

शब्दों का खेल
परिपूर्ण है गोपनीयता से
द्वेष और अचरज से
खेल है यह
तुम्हारे अस्तित्व के
हास्य और त्रासदी का ।

मूल जर्मन भाषा से प्रतिभा उपाध्याय द्वारा अनूदित