राजस्थानी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
मेहंदी बांट सिलावटा जी रंग बाट्या रंग होय, मेहंदी राचणी।
संग तिला रायता बाटे जे भिण्डारो मेल कराये मेहंदी राचणी।
बाटे चूटद्यो नाइन रे हाथ, नान्ही लाल बंधाय, मेहंदी राचणी।
नाइन मांगे बनड़ा रो हाथ, ये थानै देस्या रुपया रोक, मेहंदी राचणी।
चांद सूरज संग मांड दे नाइन विनायक जी। मेहंदी राचणी।