हो सकते हैं थोड़े से
पुष्प की पंखुड़ियों जितने
या फिर अनगिनत
किसी महल में लगे पत्थरों जितने
शब्द-तुम्हारे और मेरे बीच ।
नहीं बनता पुष्प
न ही महल
ऐसे अर्थहीन शब्दों का हम क्या करें ?
इसी कारण
मैंने नहीं दिया उपहार में शब्दकोश तुम्हें
इसी कारण
मैं लौट आता हूं बहुत बार
अबोला तुम्हारे आंगन से ।
अनुवादः नीरज दइया