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मैं जिस तरफ गया उधर बेबसी मिली / मोहम्मद इरशाद

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मैं जिस तरफ गया उधर बेबसी मिली
कोने में सिसकती हुई ज़िन्दगी मिली

कमज़र्फ नही हूँ मैं जो दुनिया को दिखाऊँ
मिलने को ज़िन्दगी में मुझे हर ख़ुशी मिली

क्या बात है कि मुझसे तुम नज़रे चुराती हो
पूछूँगा ज़िन्दगी से मुझे जब कभी मिली

उस वक्त ज़िन्दगी के मैं माने समझ गया
जलते हुए होठों पे मुझे जब हँसी मिली

इसे ज़िन्दगी की राह में आगे तो बढ़ना था
‘इरशाद’ को जो दिल से दुआ आपकी मिली