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मैं तुम होना चाहता हूँ / रैनेर मरिया रिल्के

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मैं देखना चाहता हूँ मधुर सपने,
और उनकी चमक के साथ, जैसे लताओं से,
स्वागत में सजाना चाहता हूँ अपने कमरे को ।

मैं आशीर्वाद चाहता हूँ अपने हाथों में तुम्हारे हाथों का और
थामना चाहता हूँ रात में अपने बाल
मैं मनुष्यों से बात करना नहीं चाहता

कहीं खो न दूँ तुम्हारे शब्दों की गूँज
(जो लहलहाती है मेरे शब्दों पर एक मीना की तरह और
उसकी गूँज अमीर बनाती है)
और शाम के सूरज के अलावा नहीं चाहता मैं देखना किसी अन्य प्रकाश को ।

तुम्हारी आँखों की आग में हजार मूक पीड़ितों को जलाने के लिए,
मैं तुम में समा जाना चाहता हूँ,
जोर से उल्लसित सुबह में बच्चों की प्रार्थना की तरह,
एकाकी सितारों के बीच रॉकेट की तरह ।
मैं तुम होना चाहता हूँ ।।

मूल जर्मन से अनुवाद : प्रतिभा उपाध्याय