मैं वहाँ का हूँ / महमूद दरवेश / श्रीविलास सिंह
मैं वहाँ का हूँ । मेरी हैं ढेरों स्मृतियाँ ।
मैं पैदा हुआ था जैसे हर कोई पैदा हुआ है ।
मेरी एक माँ है, एक घर बहुत-सी खिड़कियों वाला,
भाई, मित्र, और जेल की कोठरी बर्फ़-सी ठण्डी खिड़की वाली !
मेरे पास है एक लहर सीगुल द्वारा छीन ली गई,
मेरी अपनी चित्रमाला ।
मेरे पास है एक सघन चारागाह ।
अपने शब्द के क्षितिज की गहराई में,
मेरे पास है चाँद, एक चिड़िया की जीविका,
और जैतून का एक अमर वृक्ष ।
मैं जिया हूँ इस धरती पर
तलवारों द्वारा मनुष्य को शिकार में बदल देने से पूर्व ।
मैं वहाँ का हूँ ।
जब स्वर्ग विलाप करता है अपनी माँ के लिए,
मैं लौटा देता हूँ स्वर्ग को उसकी माँ ।
मैं रोता हूँ ताकि एक वापस लौटता बादल
ले जा सके मेरे आँसू ।
तोड़ने के नियम, मैने सीख लिए हैं
तमाम शब्द जो ज़रूरी हैं अग्निपरीक्षा हेतु ।
मैने सीखे और खण्डित कर दिए सारे शब्द
निकालने को उनमें से बस एक शब्द : घर ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : श्रीविलास सिंह