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मैं शहर में किस शख़्स को जीने की दुआ दूँ / फ़रहत एहसास
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मैं शहर में किस शख़्स को जीने की दुआ दूँ
जीना भी तो सबके लिए अच्छा नहीं होता
किसकी है ये तस्वीर जो बनती नहीं मुझसे
मैं किसका तकाजा हूँ जो पूरा नहीं होता !